पत्र लेखन के दो प्रारूपों के अनुसार अलग-अलग नियम हैं, जहां हिंदी में पत्र लेखन (Hindi Letter Writing) के दौरान औपचारिक पत्र लेखन के प्रारूप में बदलाव की संभावना न के बराबर होती है, वहीं अनौपचारिक पत्र लेखन के प्रारूप में इच्छानुसार हल्के-फुल्के बदलाव किए जा सकते हैं।
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